25+ भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचार
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25+ भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचार
विश्व के महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरू और साथ ही उच्च कोटी के समाज सुधारक गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर मे हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जिनका सिद्धार्थ के जन्म के सात दिन बाद निधन हो गया था।
बताते चले की 16वर्ष की आयु में ही सिद्धार्थ की शादी गणराज्य की राजकुमारी यशोधरा से करवा दी गई। उनको एक पुत्र की प्रप्ति हुयी जिसका नाम राहुल रक्खा. एक दिन सिद्धार्थ अपना सब कुछ त्यागकर संसार को सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल की ओर निकल पड़े। और जंगलो में वर्षों तक घोर कठोर साधना की और उसके पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए।
बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं है,
बस पीड़ा की एक स्थिति है- मौत की छवि है…
शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है. शक लोगों को अलग करता है. यह एक ऐसा ज़हर है जो मित्रता ख़त्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है. यह एक काँटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है.
Gautama Buddha Quotes In Hindi
सत्य के मार्ग पे चलते हुए कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है,
पूरा रास्ता ना तय करना, और इसकी शुरआत ही ना करना.
किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं.
तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे,
तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे….
गौतम बुद्ध के 25 अनमोल विचार जानिए
घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है,
यह शाश्वत सत्य है.
आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्श्या कीजिये. जो दूसरों से इर्श्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती…
हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं.
मैं कभी नहीं देखता कि क्या किया जा चुका है,
मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है.
भगवान गौतम बुद्ध के प्रेरक अनमोल विचार.
जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती,
मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.
एक जग बूँद-बूँद कर के भरता है.
अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें,
दूसरों पर निर्भर ना रहे.
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं.
अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो.
तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकती,
सूरज, चंद्रमा और सत्य.
सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं.
अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं?
हजारों खोखले शब्दों से अच्छा
वह एक शब्द है जो शांति लाये.
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