नियमावली
1. सभी वर्गों के युवाओ विशेषकर समाज के कमजोर तबको के युवाओ को जीवन के हर क्षेत्र में आगे बडने के लिए प्रेरणा प्रदान करना.
2. समाज के कमजोर वर्गों के युवाओ को निःशुल्क केरियर मार्गदर्शन प्रदान करना ताकि वो अपना केरियर लक्ष्य बनाकर उस पर कार्य कर सके.
3. समाज के कमजोर तबको जैसे अनुसूचित जातियो, जनजातियो, अन्य पिछड़े वर्गो और अल्पसंख्यको में शिक्षा के माध्यमसे उन्नत ज्ञान, बुध्धि और समझ का प्रचार करना एवं उनके सामाजिक, आर्थिक और शेक्षणिक विकास के लिए प्रयासकरना.
4. उपरोक्त वर्गो में जाति, विश्वास, रंगभेद, धर्म, सजातीयता, क्षेत्रवाद, भाषा एवं लिंग पर आधारित सामाजिक रूप सेलांछित प्रथाओ, सामजिक बुराइयों, अन्धविश्वासो, भेदभावपूर्ण व्यवहार के उन्मुल्नार्थ कार्य एवं प्रयास करना.
5. समाज के कमजोर वर्गो के सामाजिक, आर्थिक, शेक्षणिक विकास को बढाने के लिए निरंतर प्रयास करना.
6. अनुसूचित जातियो, जनजातियो, अन्य पिछड़े वर्गो और अल्पसंख्यको के उत्थान के लिए चलाई जाने वाली विभिन्नयोजनाओ का इन वर्गो में प्रचार प्रसार करना.
7. सामाजिक रूप से वंचित समूहों के विकास और सशक्तीकरण के लिए कार्य करना.
8. तकनीकी प्रगति और सामाजिक विज्ञानं के वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय से सामाजिक बुराइयों, असमानताओ औरअन्याय की समाप्ति एवं सामाजिक आर्थिक विकास के लिए निरंतर प्रयास करना.
9. अनुसूचित जातियो, जनजातियो, अन्य पिछड़े वर्गो के होनहार विद्यार्थीयों को केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाईजाने वाली विदेश अध्ययन योजना के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदान करना.
10. अनुसूचित जातियो, जनजातियो, अन्य पिछड़े वर्गो और अल्पसंख्यको पर अत्याचार होने पर उन्हें निःशुल्क क़ानूनीसहायता प्रदान करना.
11. अनुसूचित जातियो, जनजातियो, अन्य पिछड़े वर्गो और अल्पसंख्यको के युवाओ को जीवन के हर क्षेत्र में आगेबदने के लिए निःशुल्क मोटिवेशनल सेमिनारो का आयोजन पुरे भारत में करना
सदस्यता :- संस्था के निम्नलिखित श्रेणी के सदस्य होंगे ।
अ . संरक्षक सदस्य :- वह व्यक्ति जो रूपये 1000 /- या अधिक एकमुश्त दान करता है या एक साल के भीतर 12 किश्तों में भुगतान करता है, सोसाइटी का संरक्षक सदस्य होगा.
ब. आजीवन सदस्य :- वह व्यक्ति जो रूपये 500/- या अधिक का भुगतान करता है, सोसाइटी का आजीवन सदस्य होगा.
स. साधारण सदस्य – वह व्यक्ति जो रूपये 10/- प्रतिमाह या रूपये 120/- प्रतिवर्ष भुगतान करेगा, साधारण सदस्य होगा. साधारण सदस्य केवल उसी कालावधि के लिए सदस्य होगा, जिसके लिए वह अंशदान करेगा.
द. अवेतनिक सदस्य – सोसाइटी की प्रबंधकारिणी समिति, किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को मानसेवी सदस्य बना सकती है, ऐसे सदस्य वार्षिक साधारण सम्मलेन में भाग ले सकते है, परन्तु वे मत देने के हकदार नहीं होंगे.
सदस्यता की प्राप्ति :– प्रत्येक व्यक्ति जो की संस्था का सदस्य बनने का इच्छुक हो लिखित रूप से आवेदन करना होगा । ऐसा आवेदन प्रबंधकारिणी समिति को प्रस्तुत होगा । जिनके आवेदन पत्र को स्वीकार करने या अमान्य करने का अधिकार होगा ।
सदस्यों की योग्यता :– संस्था का सदस्य बनने के लिए किसी व्यक्ति को निम्नलिखित योग्यता होना आवश्यक है :-
आयु 18 वर्ष से कम न हो ।
भारतीय नागरिक हो
समिति के नियमो के पालन की प्रतिज्ञा की हो ।
सद्चरित्र हो तथा मद्यपान न करता हो ।
सदस्यता की समाप्ति :- संस्था की सदस्यता निम्नलिखित स्थिति में समाप्त हो जाएगी :-
मृत्यु हो जाने पर .
पागल हो जाने पर .
संस्था को देय चन्दे की रकम नियम 5 में बताये अनुसार जमा न करने पर .
त्याग -पत्र देने पर और वह स्वीकार होने पर
चरित्रिक दोष होने पर और कार्यकारिणी समिति के निर्णयानुसार निकाल दिए जाने पर जिसके निर्णय पारित होने की सूचना सदस्य को लिखित रूप में देनी होगी ।
संस्था कार्यालय में सदस्य पंजी रखी जाएगी जिसमे निम्नलिखित ब्योरे दर्ज किये जावेंगे :-
प्रत्येक सदस्य का नाम पता एवं व्यवसाय एवं दिनांक सहित हस्ताक्षर
वह तारीख जिसको सदस्यों को प्रवेश दिया गया व रसीद नंबर
वह तारीख जिसमे सदस्यता समाप्त हुई हो
अ . साधारण सभा ::- साधारण सभा में नियम 5 में दर्शाए श्रेणी के सदस्य समावेशित होंगे । साधारण सभा की बैठक आवश्यकतानुसार हुआ करेगी । परन्तु वर्ष में एक बार बैठक अनिवार्य होगी । बैठक का माह और बैठक का स्थान व समय कार्यकारिणी समिति निश्चित कर 15 दिवस पूर्व प्रत्येक सदस्य को दी जावेगी । बैठक का कोरम 3/5 सदस्यों का होगा । संस्था की प्रथम आम बी. सभा पंजीयन दिनांक से 3 माह के भीतर बुलायी जावेगी । उसमे संस्था के पदाधिकारियों का विधिवत निर्वाचन किया जावेगा । यदि सम्बंधित आम सभा का आयोजन किसी समय नहीं किया जाता तो पंजीयक को अधिकार होगा की वह संस्था की आम सभा का आयोजन किसी जिम्मेदार कर्मचारी के मार्गदर्शन में एवं पदाधिकारियों का विधिवत चुनाव कराया जावेगा ।
ब . प्रबंधकारिणी सभा – प्रबंधकारिणी सभा बैठक प्रत्येक माह होगी तथा बैठक का एजेंडा तथा सूचना बैठक दिनाँक से 7 दिन पूर्व कार्यकारिणी के प्रत्येक सदस्य को भेजी जाना आवश्यक होगी । बैठक में कोरम 1 /2 सदस्यों की होगी । यदि बैठक का कोरम पूर्ण नही होता है तो बैठक एक घन्टे के लिये स्थगित की जाकर उसी स्थान पर उसी दिन पुन: की जा सकेगी । जिसके लिये कोरम की कोई शर्त नही होगी ।
स. विशेष- यदि कम से कम कुल संख्या ( कुल सदस्यों की संख्या का ) के 2/3 सदस्यों द्वारा लिखित रूप से बैठक बुलाने हेतु आवेदन करे तो उनके दर्शाए विषय पर विचार करने के लिये साधारण सभा की बैठक बुलाई जाएगी. विशेष संकल्प पारित हो जाने पर संकल्प की प्रति पंजीयक को संकल्प पारित हो जाने के दिनांक से 45 दिन के भीतर भेजा जाएगा. पंजीयक को इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश जारी करने तथा समिति का परामर्श देने का अधिकार होगा.
साधारण सभा के अधिकार एवं कर्त्तव्य :-
संस्था के पिछले वर्ष का वार्षिक विवरण प्रगति प्रतिवेदन स्वीकृत करना .
संस्था की स्थाई निधि एवं सम्पति की ठीक व्यवस्था करना .
आगामी वर्ष के लिए लेखा परीक्षको की नियुक्ति करना.
अन्य ऐसे विषयों पर विचार करना जो प्रबंधकारिणी द्वारा प्रस्तुत हो.
संस्था द्वारा संचालित संस्थाओ के आय व्यय पत्रको को स्वीकृत करना
बजट का अनुमोदन करना .
प्रबंधकारिणी का गठन – नियम 5 अ ब स में दर्शाए गए सदस्यों जिनके नाम पंजी रजिस्टर में दर्ज हो, बैठक में बहुमत के आधार पर निम्न पदाधिकारियों और प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों का निर्वाचन होगा.
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव, सदस्य
प्रबंध समिति का कार्यकाल – प्रबंध समिति का कार्यकाल तीन साल का होगा. समिति का यठेश्ता कारण होने पर उस समय तक जब तक की नै प्रबंधकारिणी समिति का निर्माण नियमानुसार या अन्य कारणों से नहीं हो जाता
प्रबंधकारिणी के अधिकार एवं कर्त्तव्य :-
जिन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु समिति का गठन हुआ है, उसकी पूर्ति करना और इस आशय की पूर्ति हेतु व्यवस्था करना.
पिछले वर्ष का आय व्यय लेखा पूर्णतया परीक्षित किया हुआ प्रगति प्रतिवेदन के साथ प्रतिवर्ष साधारण सभा की बैठक में प्रस्तुत करना
समिति एवं उनके अधीन संचालित संस्थाओ के कर्मचारियों के वेतन तथा भत्ते आदि का भुगतान करना, संस्था की चल अचल संपत्ति पर लगने वाले कर आदि का भुगतान करना.
कर्मचारियों, शिक्षको आदि की नियुक्ति करना .
अन्य आवश्यक कार्य करना, जो साधारण सभा द्वारा समय समय पर सोपे जाए.
संस्था की समस्त चल, अचल संपत्ति, रजिस्ट्रार की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा या अन्यथा अर्जित या अंतरित नहीं की जाएगी.
अध्यक्ष के अधिकार –
अध्यक्ष साधारण सभा तथा प्रबंधकारिणी समिति की समस्त बैठको की अध्यक्षता करेगा तथा मंत्री द्वारा साधारण सभा में प्रबंधकारिणी की बैठको का आयोजन करवाएगा. अध्यक्ष का मत विचारार्थ विषयों में समान मत होने पर निर्णयात्मक होगा.
उपाध्यक्ष के अधिकार-
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष द्वारा साधारण सभा एवं प्रबंधकारिणी की समस्त मीटिंग्स की अध्यक्षता करेंगे. अध्यक्ष के समस्त अधिकारों का उपयोग करेगा.
सचिव के अधिकार –
एक समय में 5000 रुपयों तक की राशि मंजूर करने हेतु प्राधिकृत होगा.
संयुक्त सचिव के अधिकार – सचिव की गैर मौजूदगी में संयुक्त सचिव कार्य करेगा.
कोषाध्यक्ष के अधिकार –
समिति की धन राशि का पूर्ण हिसाब रखना तथा सचिव या कार्यकारिणी द्वारा स्वीकृत व्यय करना.
बेंक खाता –
सोसाइटी की निधिया अधिसूचित बेंक या पोस्ट ऑफिस में जमा की जाएगी. निधियो का आहरण अध्यक्ष/ सचिव तथा कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षरों से किया जाएगा. प्रतिदिन के व्यय के लिए कोषाध्यक्ष के पास अधिकतम 5000 रूपये रहेंगे
पंजीयक को भेजी जाने वाली जानकारी – अधिनियम की धरा 27 के अंतर्गत संस्था की वार्षिक आम सभा होने के दिनांक से 45 दिन के भीतर विहित शुल्क के साथ निर्धारित प्रारूप पर कार्यकारिणी समिति की सूचि फाइल की जावेगी तथा धारा 28 के अंतर्गत विहित शुल्क के साथ संस्था एवं संचालित समस्त इकाइयों को परीक्षित लेखा भेजेगी.
संशोधन- संस्था के विधान में संशोधन साधारण सभा की बैठक में कुल सदस्यों के 2/3 मतों से पारित होगा, यदि आवश्यक हुआ तो संस्था के हित में उसके पंजीकृत विधान में संशोधन करने के अधिकार पन्जीएयक, फर्म्स एवं सोसाइटी को होगा, जो प्रत्येक सदस्य को मान्य होगा.
विघटन – संस्था का विघटन साधारण सभा में कुल सदस्यों के 3/5 मत से पारित किया जावेगा. विघटन के पश्चात् संस्था की चल तथा अचल संपत्ति किसी सामान उद्देश्यों वाली संस्था को सौंप दी जाएगी. उक्त समस्त कार्यवाही अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जायेगी.
संपत्ति – संस्था की समस्त चल तथा अचल संपत्ति संस्था के नाम से रहेगी. संस्था की अचल संपत्ति रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं सोसाइटी की लिषित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा, दान द्वारा या अन्यथा प्रकार से अर्जित या अंतरित नहीं की जा सकेगी.
पंजीयक द्वारा बैठक बुलाना – संस्था की पंजीयत नियमावली के अनुसार पदाधिकारियों द्वारा वार्षिक बैठक ना बुलाये जाने पर या अन्य प्रकार से आवश्यक होने पर पंजीयक, फर्म्स एवं सोसाइटी को बैठक बुलाने का अधिकार होगा. साथ ही यह बैठक में विचारार्थ विषय निश्चित कर सकेगा.
विवाद– संस्था में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होने पर अध्यक्ष को साधारण सभा की अनुमति से सुलझाने का अधिकार होगा. यदि इस निर्णय से पक्षों को संतोष ना हो तो वह रजिस्ट्रार की और विवाद के निर्णय के लिए भेज सकेंगे. रजिस्ट्रार का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा. संचालित सभाओ के विवाद अथवा प्रबंध समिति के विवाद उत्पन्न होने पर अंतिम निर्णय देने का अधिकार रजिस्ट्रार का होगा.